Digital Marketing क्या है? इससे पैसे कैसे कमाएं? Digital marketing Kya Hai?

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2022 मे जो सोशल मीडिया मार्केटिंग का पूरा का पूरा डोमेन है एक सौ सत्तर बिलियन डॉलर्स को क्रॉस कर चुका है। अगर marketing की बात करें तो आज की date में 60% से ज्यादा ads जो आज चलती हैं वो digitally चलती है, क्योंकि नई रेंज में social media में लोगों का attention बढ़ गया है। इसलिए आज अगर किसी को कुछ जानना होता है, कुछ समझना होता है, तो लोग एक विडियो देख लेते हैं या किसी आर्टिकल को पढ़ लेते हैं। 

Digital marketing Kya Hai


Introduction

तो digital marketing में आजकल लोग इसलिए जाना चाहते हैं क्योंकि एक तो सोशल मीडिया हमारी लाइफ के अंदर घुस गया है। अब हम आपको क्या बताएं, हम भी उतना ही instagram उतना ही फेसबुक उतना ही youtube चला रहे हैं, जितना बाकी लोग। इस तरीके से जो सारी की सारी audience है, वह पहले newspapers और radio से shift होकर सोशल मीडिया या digital platforms पर आ गई है। Brands के लिए आज की date में काफी important हो गया कि वो सही जगह पर जाकर अपने brand को market करें और लोगों के साथ कनेक्ट कर पाए। अब इसके साथ साथ डिजिटल मार्केटिंग बहुत ज्यादा boom करने वाली field है जिसमें काफी viral options हमें दिखते हैं करियर बनाने के।


जिसमे कि आप social media marketing expert बन सकते हैं, SEO expert बन सकते। तो इतने लाखों जॉब निकलकर आए डिजिटल मार्केटिंग की वजह से। जो शायद टेक्नॉलॉजी का one of the best में से एक है और additional benefit यह है कि college students को अगर freelancing शुरू करनी है तो यह एक ऐसी skill है जिसमें वो freelance कर सकते हैं काफी सारे वो पैसे कमा सकते हैं। शुरू में आप इस पर pocket money की तरह काम कर सकते हैं। बाद में अगर आप चाहो तो इसको एक फुल टाइम चीज में या फुल टाइम जॉब में भी convert कर सकते हो। तो काफी लाखों रुपए का जो amount है वह यहां से भी आ सकता है। यह एक ऐसी skill है जो आज के life में काफी important है एक कॉलेज स्टूडेंट के लिए। साथ ही साथ उन लोगों के लिए भी जो technology से किसी न किसी तरह associated है।


Digital Marketing क्या है?

किसी भी चीज की ad चलाना या किसी भी चीज को market करना digitally online platforms पर।अगर आप किसी भी चीज को मार्केट कर रहे हैं किसी की ad चला रहे, तो उसी को हमने डिजिटल मार्केटिंग का नाम दे दिया है। अब डिजिटल मार्केटिंग काफी तरीके की हो सकती है। या तो तुम search engine पर काम कर सकते हैं, यानी जो भी हम गूगल सर्च करते हैं तो कौन सी वेबसाइट ऊपर जायेगी? पेज के ऊपर और ज्यादा traffic बढ़ेगा, हमारी वेबसाइट पर उस तरीके की भी मार्केटिंग हो सकती है। वेबसाइट्स की भी मार्केटिंग हो सकती है, सोशल मीडिया भी डिजिटल मार्केटिंग के अंदर आता है। कितने लोगों को आजकल brands youtube के through, facebook के through, instagram के through अपने products की तरफ ला पा रहे हैं।


Email marketing भी होती है, जिसमें काफी सारे ब्रांड बहुत सारे consumers या clients को email भेजते हैं। अपने ब्रॉड के बारे में बताते हुए कौन सी email spam में चली जाएगी? कौन सी नहीं जाएंगी? कौन सी ईमेल इतनी अच्छी होगी कि उनको actually email को खोलना पढ़े। तो इस तरीके से अलग अलग तरीके की मार्केटिंग होती है जो हम डिजिटल प्लैटफॉर्म पर जाकर कर सकते हैं और जिनको हम खुद भी experience करते हुए सीख सकते हैं। अब जब भी हम किसी चीज के बारे में सर्च करते हैं, तो अपनी website को top पर rank करने के लिए SEO काम करता है। 


SEO

अगर आप shoes के बारे में search करेंगे तो कभी कभी तब नोटिस करें कि ऊपर myntra जैसी websites, amazon जैसी वेबसाइट्स आ जाती है क्यों? क्योंकि इन लोगों ने SEO यानि Search Engine Optimization पर भी काम किया है कि कौन से kewards यूजर ज्यादा attract होता है। उस हिसाब से वो kywords यूज किए जाए, वह कॉन्टेंट यूज किया जाए और relavant links दूसरी वेबसाइट में यूज़ किए जाएं, ताकि हम सर्च में ऊपर आ सके।


Why Digital Marketing?

अब यहां पर सवाल आता है कि हमारे न्यूज पेपर हुआ करते थे, हमारे पास टीवी हुआ करता था, रेडियो हुआ करता था। इतने सारे traditional media थे तो हम डिजिटल मार्केटिंग की तरफ क्यों shift हुए? इसलिए शिफ्ट हुए क्योंकि डिजिटल मार्केटिंग हमारी ट्रेडिशनल मार्केटिंग से बेहतर होती है। यहां कुछ कुछ ऐसी चीजें प्राप्त होती हैं जो एडिशनल मार्केटिंग में नहीं दे पाती। मतलब है कि न्यूज पेपर में अगर हम आज निकाले या एक मैगजीन में निकालें या टीवी पर निकाले। उससे बेहतर है कि हम digitally अपने products को place करें।


Large audience

अब सोशल मीडिया पर डिजिटल प्लैटफॉर्म गूगल एमेजॉन फेसबुक यहां हम जितनी बड़ी ऑडियंस देखें उतनी शायद ही हमें कोई न्यूज पेपर दे पाएगा उतनी शायद ही हमें कोई और छोटे बड़े टीवी चैनल को दे पाएगा तो हमें कॉफी तरीके की audience एक साथ ऑनलाइन डिजिटली मिल जाती है गूगल फेसबुक जैसे प्लैटफॉर्म्स पर। इसीलिए वहां पर ad निकालना अच्छा है।


Targeting Audience

अब मान लीजिए हम एक ad निकाल दिया दूरदर्शन पर। तो दूरदर्शन पर सभी प्रकार की audience मिलेगी और पूरा देश उसको एक साथ बैठकर देख रहा है। या फिर regional ad निकाल देते हैं जो की राजस्थानी न्यूज चैनल तो उस पर हमने निकाल और उसको पूरा का पूरा राजस्थान बैठकर देख लें।  अब इस case में क्या हुआ कि वह बहुत सारे ऐसे लोगों ने देखी होगी जो related भी नहीं होंगे हमारे ad को देखने के लिए। भला क्या पता वो हमारे चुने customers नहीं हो। उस चीज में interested हों या नहीं हों। मान लेते हैं आप कोई product launch करना चाहते हैं और उस प्रॉडक्ट को आप north india के अंदर launch कर रहे है लेकिन अगर आपको अब टीवी पर ad चलानी है तो उस ad को अब बहुत सारे लोग अपने पूरे देश में देख रहे होंगे। साउथ इंडिया के भी काफी लोग देख रहे होंगे। लेकिन आपकी जो टारगेट ऑडियंस है वो सिर्फ north india वाले लोग थे अब ऐसे केस में आपका जो प्रॉडक्ट है वह ऐसे लोगों तक पहुंच गया जो शायद आपके लिए relevant audience भी नहीं है तो आपने एक तरीके से एक्सट्रा खर्च भी किया उन लोगों तक जाने के लिए, जिनसे आपके पास कोई output या result नहीं आने वाला।


पर डिजिटल मार्केटिंग में हम इस चीज से बच जाते हैं, क्योंकि already companies हैं, जिन्होंने लोगों के जो interests है  उसको स्टोर करके रखा है। किस चीज में इंटरेस्टेड हैं? किस तरीके का वह कॉन्टेंट कंज्यूम करते हैं? कैसे ब्रांड्स की चीजें खरीदते हैं तो वो सारा का सारा डेटा जो आज google, facebook जैसी companies के पास already stored है। और यही data से वो अपना ad program चलाते हैं जिससे जो भी उनके ad program से अपना खुद का ad चलाना चाहते है तो उस हिसाब से वो brands targeted ads चलाते हैं, सिर्फ उस audience के लिए जिनका शायद age group  relevant है जिनका शायद region relevant है जिनकी शायद occupation यानी वो जो काम करते हैं वो भी पता हो तो इस तरीके से brands को target audience मिल जाती है।


Affordable Cost

पहले अगर आपको किसी मैगजीन में ad निकालना होता तो कितने पैसे लगते थे? किसी न्यूज पेपर में ad निकालना होता तो कितने पैसे लगते थे? आज की डेट में काफी ज्यादा पैसे लगते हैं इन platforms पर ad निकालने के। अगर आपको टीवी पर ad दिखाना तो भी बहुत ज्यादा पैसे लगते हैं लेकिन डिजिटल जाकर ad दिखाने में आपको इनसे कम पैसे लगेंगे। शुरुआत में तो आप कुछ पैसों के through experiment करके देख सकते हैं कि डिजिटल मार्केटिंग आपके लिए काम भी कर रही है या नही। इस तरीके से आप digitally अपनी मार्केट को digital platforms के through ( जैसे google ads या meta ads ) कम पैसे में भी ज्यादा audience तक अपने products को पहुंचा सकते हैं।


Immediate Feedback

अब आपको किसी मैगजीन में कोई ad निकालनी होती थी या न्यूज़पेपर पेपर में ad निकालनी होती तो आपको भी पता नहीं चलता था कि इस न्यूज़पेपर के through मेरे पास कितने customers आए हैं?  लेकिन आज की डेट में हमारे पूरे analytics होते हैं। गूगल एनालिटिक्स देता है कि कितने लोगों ने आपके ad पर click किया है या कितने लोग आपके products को खरीदा है। इमीडिएट फीडबैक मिलता है। अगर पहली बार काम नहीं करें तो आप उनको चेंज करते हैं आप अपने कॉन्टेंट को दूसरी तरीके से show करते हैं ताकि वह काम करने लगे उस तरीके का फीडबैक loop रहता है, वह ज्यादा इफेक्टिव होता है।


Easy Tracking

आजकल गूगल फेसबुक जैसी कंपनी इस पूरे के पूरे analytics पेज आपको दे देते हैं जिसके ऊपर आप बहुत चीजें try कर सकते हैं कि कितने लोग आ रहे हैं? कितने लोग नहीं रहे? कहां पर आपको ज्यादा इनपुट डालने की जरूरत है ताकि हम ज्यादा ad हम दिखाएं। अगर मान लीजिए आपने एक ad निकाल दिया। अब उस पर कितने लोगों ने क्लिक किया और अगली बार अब आप किन को टारगेट कर रहे हुए? तो अगली बार आप specially उन लोगों को टारगेट करेंगे। जिन्होंने एक बार क्लिक करके देखा है उन्हीं को आप कॉल करके अपना प्रोडक्ट को सेल कर सकते हैं तो इस तरीके से पूरा का पूरा जो सिस्टम है वो बहुत अच्छे से स्ट्रीम लाइन और बहुत ज्यादा इफेक्टिव हो गया।


अब इसमें सवाल आता है सिस्टम तो इफेक्टिव हो गया पर इससे हमें अगर करियर बनाने तो हमें कैसे फायदा हो तो एक स्टेप बाई स्टेप रोडमैप की अगर बात करें डिजिटल मार्केटिंग में तो वह होगा सबसे पहले तो सारी चीजें find करो सीखो और समझो। अब ऐसा नहीं है कि आप फेसबुक पर भी ad चलाने लगे। गूगल पर भी ad चला रहे हो, यूट्यूब पर भी चला रहे हो यानी कि ad चलाने के साथ आपको SEO भी करना होगा। वेबसाइट भी बना भी रहे हो वे सारे के सारे जो काम है ना उनके बारे में बेसिक नॉलेज होना अच्छा है लेकिन आपको शुरुआत में देखना पड़ेगा अपनी इंटरेस्ट के साथ से कि आपको कौन सी direction में जाएं। जिस डायरेक्शन में जाएं, उस डायरेक्शन में आप अच्छे से काम कर सकते हैं वहां अपनी कैटेगरी को डेवलप कर सकते हैं उस खेल में ऐसे बनाएं कि टॉप 3 का अगर हम नाम ले तो उसके अंदर आपका नाम उस पोलिटिकल स्किल के अंदर आए। उसके बाद टारगेट करना है अपने क्लाइंट्स को। जरूरी नहीं है कि शुरुआत में क्लाइंट्स आपको पैसे दे रहे होंगे शुरू में हो सकता है आपको फ्री में काम करना पड़े। क्योंकि शुरू में आप बस थोडा बहुत वर्क एक्सपीरियंस ले रहे हैं। उसके बाद एक बार आप जब चीजें शुरू कर देंगे तो क्लाइंट्स आपके पास आने लगेंगे फिर वहां से एक जो साइकिल है वह डेवलप होगा।


Freelancing

 फ्रीलांसिंग में सबसे पहले फ्री आता है यानी हो सकता कुछ टाइम तक फ्री में काम करना पड़े। उसके बाद ऐसी क्लाइंट्स के लिए काम कर सकते हैं जिनको आपकी जरूरत है और आपके पास भी portfolio में चीजें होंगी क्लाइंट्स को दिखाने के लिए। उसके बाद आते हमारे रेफरेंस जिनमें क्लाइंट्स के साथ अपने काम किया है वो अपने किसी दोस्त को किसी रिश्तेदार को सजेस्ट कर देगा कि मैं तो ऐसे ad चलाता हूं आप देख लो इनसे बात कर लो। तो इस तरीके से लोगों के साथ नेटवर्क हो जाता है। 


Consistency

अब सोशल मीडिया जो है वह एक highly content प्लेटफॉर्म है जिस पर चीजें चलती रहती हैं तो इसीलिए काफी important है कि डिजिटल space में अगर हम काम करना चाहे, तो हम कंसिस्टेंट रोज अपनी स्किल्स डेवलप करें रोज ग्रोथ लें ।


Important Skills

Experience

फेसबुक पर ad निकालने का काम करें तो सबसे पहले consumers को थोड़ा experience करना पडेगा और मार्केट को थोड़ा एक्सपीरिएंस करना पड़ेगा। तब जाकर आपको पता चलेगा कि किस तरीके का कॉन्टेंट आपके क्लाइंट के लिए, आपके ब्रांड के लिए सही रहेगा।


Data analytics

Google, netflix और जितने भी analytics आते हैं जिनमें प्लैटफॉर्म्स पर आज निकालने वाली जानकारी वहां से जो देता हमें उसको समझना चाहिए। उससे कैसे value information निकालना है वो हमें आना चाहिए। अगर वो आता है तो फिर वहां से जो भी informations आएगी उसको हम खुद को improve करने में लगा सकते हैं।


Basic HTML

हम wordpress सीख लें। हमें hardcore coding सीखने की जरूरत नहीं है। यह है कि अगर आप SEO जैसी चीजों में जाना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए basic HTML कैसे काम करती है? वर्डप्रेस वेबसाइट कैसे बनाते हैं? वेबसाइट में keywords किस तरीके से काम करते हैं? तो वो सारा प्रॉसेस के साथ basic design sense हमारे अंदर होनी चाहिए कि चीजों को कैसे डिजाइन करना है? अगर हम content writing भी करना चाहें तो अपने ब्लॉग के अंदर हमें पता हो कि ऊपर कौन से paragraphs रखें? नीचे कौन सी इंफॉर्मेशन रखनी है? अगर हम पोस्ट बनाते हैं या फिर वीडियो कंटेंट बनाते तो उसमें हमें पता हो कि चीजें कैसे रखनी है तो वो एक बेसिक डिजाइन सेंस पता होना चाहिए। लोगों को क्या अच्छा लगेगा, क्या नहीं अच्छा लगेगा, तो वो एक प्लस पॉइंट होगा।


इसमें काफी लोगों का सवाल होता है कि क्या हम इसमें एक certificate ले लें। तो हमें क्या बेहतर जॉब मिलने शुरू हो जाएंगे। तो इसका उत्तर यह होगा कि सिर्फ certificate लेने से कुछ नहीं होगा क्योंकि डिजिटल मार्केटिंग पूरा का पूरा जो एक करियर है वह काफी प्रैक्टिकल करियर है यहां पर किसी को बहुत कम और बहुत ज्यादा प्रैक्टिकल नॉलेज है जो आपको सारी चीजें बैठकें प्रैक्टिस करनी पड़ेगी। तब जाकर आपके skills develop होंगे। 

  • सबसे पहले platform decide कर लें।
  • उसके बाद स्किल्स डेवलप करें।
  • प्लैटफॉर्म के अंदर शुरुआत में थोड़ा सा फ्री में काम करें।
  • अपना portfolio build करें।
  • Clients ढूंढे।

Different different हमारे प्लैटफॉर्म होते जहां पर जाकर फ्रीलांसिंग कर सकते और jobs के लिए अप्लाई कर सकते है। उसके बाद आपको आगे जाकर इसमें full time job भी कर सकते हैं।


निष्कर्ष

आशा करता हु इस article से आपके digital marketing के बहुत से doubts clear हुए होंगे। डिजिटल मार्केटिंग क्या होता है? किस तरीके से करनी है? क्या क्या स्कोप रहता है? Almost मैने सारी चीजें cover करने का try किया है। अगर आपका कोई और doubt है नीचे comment कर दीजिए। मैं उस topic पर पूरा article लिखकर पोस्ट कर दूंगा।


धन्यवाद


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